प्रारंभिक परीक्षा : सामान्य अध्ययन (प्राचीन भारतीय इतिहास) - साहित्यिक स्रोत

भारतीय इतिहास: साहित्यिक स्रोत (Literary Sources)


http://www.iasplanner.com/civilservices/images/ancient-history.pngसाहित्यिक साक्ष्य के अंतर्गत साहित्यिक ग्रंथों से प्राप्त सामग्रियो का अध्य्यन किया जाता है। इन साहित्यिक साक्ष्यों को हम दो भागों में बांटते हैं:
(1) धार्मिक साहित्य तथा (2) लैकिक साहित्य

धार्मिक साहित्य में ब्राह्मण तथा ब्राह्मणेतर ग्रन्थ आते है। पुनः ब्राह्मण ग्रंथों में वेद, उपनिषद , रामायण, महाभारत, पुराण तथा स्मृतिग्रंथ आते है, जबकि ब्राह्मणेतर ग्रंथों में बौद्ध तथा जैन साहित्य का उल्लेख किया जा सकता है। इसी तरह लौकिक साहित्य में ऐतिहासिक ग्रंथों, जीवनियाँ, कल्पना - प्रधान तथा गल्प साहित्य आते है।

प्रमुख साहित्यिक रचनाएँ (Prominent Literary Marks)


Sr. No.

रचना

रचनाकार

विशेष तथ्य

1

अष्टाध्यायी

पाणिनि

व्याकरण ग्रन्थ

2

महाभाष्य (अष्टाध्यायी पर टीका )

पतंजलि

पुण्यमित्र शुंग के विषय में जानकारी मिलती है

3

निरुक्त

यास्क

वैदिक शब्दों की व्युत्पत्ति का विवेचन है एवं छंद शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का उल्लेख

4

मुद्राराक्षस

विशाखदत्त

मौर्य काल

5

परिशिष्ट पर्व

हेमचंद

मौर्य काल (चंद्रगुप्त )

6

सम्रादित्यकथा, कथाकोश

हरिभद्रसूरी

जैन धर्म

7

कुवलयमाला

उधोतनसूरी

8

आदि पुराण

जिनसेन

9

उत्तर पुराण

गुणभद्र

10

कथासरित्सागर

सोमदेव

मौर्य काल

11

वृहतकथामंजरी

क्षेमेन्द्र

मौर्य काल

12

अर्थशास्त्र

कौटियल / विष्णुगुप्त

13

नीतिसार

कामंदक

गुप्तकालीन राज्यतंत्र पर कुछ प्रकाश पड़ता है

14

नीतिवाक्यामृत

सोमदेव सूरी

गुप्तकालीन राज्यतंत्र पर कुछ प्रकाश पड़ता है

15

मालविकागिनमित्रम

कालिदास

शुंगवंश के बारे में जानकारी

16

रघुवंशम

कालिदास

समुन्द्रगुप्त की दिगिवजय

17

मृच्छकटिकम

शूद्रक

गुप्तकालीन समाज का वर्णन

18

दशकुमार चरित

दण्डी

गुप्तकालीन समाज का वर्णन

19

हर्ष चरित

बाणभट्ट

हर्ष की उपलब्धियों का वर्णन

20

गौड़वहो

वक्रपति

कन्नौज के शासन यशोवर्मा का इतिहास

21

विक्रमांकदेवचरित

बिल्हण

कल्याणी के परवर्ती चालुक्य नरेश विक्रमादित्य की उपलब्धियों का वर्णन

22

रामचरित

संध्याकर नंदी

बंगाल के शासन रामपाल की जीवनकथा

23

कुमार पाल चरित

जयसिंह

गुजरात के शासन कुमार पाल की उपलब्धियों का वर्णन

24

द्दयाश्रय काव्य

हेमचंद्र

गुजरात के शासन कुमार पाल की उपलब्धियों का वर्णन

25

नवसाहसांक चरित

पदमगुप्त

परमार वंश का वर्णन

26

पृथ्वीराज विजय

जयानक

पृथ्वीराज चौहान की उपलब्धियों का वर्णन

27

पृथ्वीराजरासो

चंदबरदाई

पृथ्वीराज चौहान की उपलब्धियों का वर्णन

28

प्रबंध चिंतामणि

मेरुतुंग

गुजरात के शासको का वर्णन

29

हम्मीर मद मर्दन

जयसिंह

गुजरात के शासको का वर्णन

30

राजतरंगिणी

कल्हण

कश्मीर के राजवंश की विस्तृत जानकारी मिलती है

31

परिशिष्टपर्वन

हेमचंद्र

जैन धर्म एवं मौर्यवंश

विदेशी यात्रियों के वृतांत / विवरण ( Foreign Travelers’ Memoirs/ Description)


प्राचीन भारतीय इतिहास लेखन में विदेशी यात्रियों के विवरण भारतीयों लेखकों के वर्णन की अपेक्षा अधिक उपयोगी सिद्ध हुए है। परन्तु यूनानी लेखक भारतीय और अज्ञात थे, अतः उनके सभी विवरणो को पूर्णत: सत्य नहीं माना जा सकता। इसी प्रकार चीनी यात्रियों के वर्णन भी पूर्णतया सही प्रतीत नहीं होते है क्योंकि उनके लेखन का दृष्टिकोण मूलतः बौद्ध धर्म पर आधारित था। अलबिरूनी ने भी प्राय: उपलब्ध भारतीय साहित्य के आधार पर ही वर्णन किया है, अपने अनुभव के आधार पर नहीं।

विदेशी यात्रियों के विवरण को हम तीन वर्गो में विभाजित कर सकते हैं।
(क) यूनान और रोम के लेखन
(ख) चीनी यात्रियों के विवरण
(ग) अरब यात्रियों के विवरण

(क) यूनान और रोम के लेखन (Writer From Greece and Rome): यूनान और रोम के लेखकों में सबसे प्राचीन हेरोडोटस और टीसियस के व्रतांत है। वस्तुतः इन लेखकों ने भारत के विषय में जानकारी ईरान से प्राप्त किया था। हेरोडोटस के वर्णन में कुछ उपयोगी तथ्य मिलते है, किन्तु उसमे भी अनेक कल्पना पर आधारित कहानियां है टीसियस के वर्णन में अधिकाशतः कलिपत कहानियां है जो पूर्णत: अविश्वसनीय है।

(ख) चीनी यात्रियों के विवरण (Description by Chinese Travelers): चीनी यात्रियों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण फाह्यान, ह्वेनसांग और ई - चिंग के वर्णन है इनके वर्णन चीनी भाषा में अभी तक उपलब्ध है तथा इनके अंग्रेजी अनुवाद कर दिये गये है फाह्यान 5 वीं शती ईसवी में भारत आया था और 14 वर्ष भारत में रहा तथा उसने विशेष रूप से भारत में बौद्ध धर्म की स्थिति के विषय में लिखा । ह्वेनसांग हर्ष के राज्यकाल में भारत आया था और वह 16 वर्ष भारत में रहा।

(ग) अरब यात्रियों के विवरण(Description by Arabian Travelers) : अरब यात्रियों ने लगभग 8 वीं शताब्दी से भारत के विषय में वर्णन करना शुरू कर दिया था। सुलैमान 9वीं शती ईसवी के मध्य भारत आया था तथा इसने पाल और प्रतिहार राजाओं के विषय में लिखा है। अल मसूदी 941 ई. से 943 ई. तक भारत में रहा। उसने राष्ट्रकूट राजाओं की महत्ता के विषय में लिखा है।

अभ्यास हेतु वस्तुनिष्ठ प्रश्न


1 . निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये।
(1 ) मध्य एशिया के बोगजकोई से प्राप्त अभिलेख लगभग 1400 ई. पू. का है।
(2 ) बोगजकोई अभिलेख से ऋगवेद की तिथि ज्ञात करने में सहायता मिलती है।
(3 ) अशोक के सभी अभिलेख खरोष्ठी लिपि में है।
(4 ) मास्की तथा गुर्जरा से प्राप्त अभिलेखों में अशोक के नाम का स्पष्ट उल्लेख है।

2. सूची-I को सूची- II से सुमेलित कीजिये।

सूची-I 				सूची- II 
(अभिलेख ) 			(शासन )
(a) हाथीगुम्फा अभिलेख 		(i) गौतमी बलश्री 
(b) नासिक अभिलेख 		(ii) स्कंदगुप्त 
(c) भीतरी स्तंभ 			(iii) खारवेल 
(d) ऐहोल अभिलेख 		(iv) पुलकेशिन दितीय
:: कूट ::
	 A 	 B 	 C 	 D 
1 . 	(i) 	(ii) 	(iv) 	(iii)
2 . 	(iii) 	(i) 	(ii) 	(iv)
3 . 	(ii) 	(iii) 	(i) 	(iv)
4 . 	(i) 	(ii) 	(iii) 	(iv)

3 . निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये।
(i) दक्षिण भारत के पल्लव, चालुक्य, राष्ट्रकूट, पांड्य और चोल वंशो का इतिहास लिखने में यहाँ के शासकों के अभिलेख बहुत अधिक उपयोगी सिद्ध नहीं हुए है।
(ii) उत्तर भारत के मंदिरो की कला - शैली 'नगर शैली ' का उदहारण है।
उपरोक्त कथनों में कौन - सा / से सत्य है/ हैं?
(1) केवल (i) (2) केवल (ii)
(3) (i) और (ii) दोनों (4) न तो (i) और न ही (ii)

4 . निम्न में कौन - सा सुमेलित नहीं हैं।
(1) मुद्राराक्षस - विशाखदत्त
(2) राजतरंगिणी - पाणिनि
(3) हर्षचरित - बाणभट्ट
(4) रघुवंशम - कालिदास

5. सूची-I को सूची- II से सुमेलित कीजिये।
सूची-I (रचना ) सूची- II (रचनाकार )
(A) अर्थशास्त्र (i) चंदबरदाई
(B) विक्रमांकदेवचरित (ii) कौटिल्य
(C) पृथ्वीराजरासो (iii) बिल्हण
(D) परिशिष्टपर्वन (iv) हेमचंद
:: कूट ::
A B C D
1 . (ii) (iv) (i) (iii)
2 . (ii) (i) (iii) (iv)
3 . (ii) (iii) (iv) (i)
4 . (ii) (iii) (i) (iv)

6. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये।
(i) यूनान और रोम के लेखकों में सबसे प्राचीन हेरोडोटस और टीसियस के वृतांत हैं।
(ii) फाह्यान और ह्वेनसांग अरब के यात्री थे, जो गजनवी के साथ भारत आए थे।
उपरोक्त कथनों में कौन- सा / से सत्य है/ हैं?
(1 ) केवल (i)
(2 ) केवल (ii)
(3 ) (i) और (ii) दोनों
(4 ) न तो (i) और न ही (ii)



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