Medieval Indian History

यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा का विषयवार प्रश्न विश्लेषण (वर्ष 2013 से 2020)

यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नों का विषयवार विश्लेषण

विषय-वार यूपीएससी प्रीलिम्स प्रश्न


यह जानकारी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा 2022 की तैयारी को सही दिशा में ले जाने के लिए अत्यधिक महत्व रखती हैं। विषय-वार प्रीलिम्स प्रश्नों की मदद से परीक्षा के लिए रिवीजन और अभ्यास इस समय सबसे अच्छी रणनीति होगी। इस लेख

How to prepare Medieval Indian History for IAS

Medieval Indian History for Civil Services Examination

Official Syllabus


  • Mains: General Studies - I (Paper 2)

Indian Culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times. Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present - significant

पूर्व मध्यकालीन भारत 800 से 1200 ईo (उत्तर भारत, बंगाल का पाल राजवंश, संस्कृति)

मध्यकालीन भारत का इतिहास

पूर्व मध्यकालीन भारत (800 से 1200 ई.)

उत्तर भारत : तीन साम्राज्यों  का काल (आठवीं से दसवीं सदी तक)


750 और 1000  ईस्वी के मध्य उत्तर भारत और दक्षिण भारत में कई

मध्यकालीन भारत: खिलजी वंश 1200-1320 ई० (जलालुद्दीन खिलजी, अलाउद्दीन खिलजी)

मध्यकालीन भारत का इतिहास

खिलजी वंश : 1200 - 1320 ई०

13वी सदी के मध्य में तुर्की सुल्तानों द्वारा प्रारम्भिक विस्तार करने की लहर के शांत हो जाने के बाद, सुल्तानों का मुख्य उद्देश्य सल्तनत को दृड़ता प्रदान करना था। अत: खिलजी वंश की स्थापना तक सल्तनत की प्रारम्भिक सीमाओं

मध्यकालीन भारत: 1200-1320 ई० (अलाउद्दीन के आर्थिक सुधार, क़ुतुबुद्दीन मुबारक़ ख़िलजी व ख़िलजी वंश का पतन)

मध्यकालीन भारत का इतिहास

खिलजी वंश : 1200 - 1320 ई०

अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक सुधार


अलाउद्दीन खिलजी द्वारा आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किये गये जिनका सम्बन्ध भू-राजस्व प्रणाली एवं व्यापार-वाणिज्य (बाजार नियंत्रण या मूल्य निर्धारण पद्धति) से था। अलाउद्दीन द्वारा किया गया आर्थिक सुधार राजनीति से

मध्यकालीन भारत: दिल्ली सल्तनत (मामलुक वंश या गुलाम वंश)

मध्यकालीन भारत का इतिहास

दिल्ली सल्तनत

1206 ई में मुहम्मद गोरी की मृत्यु के पश्चात् उसके संतानहीन होने के कारण उसके साम्राज्य को उसके तीन गुलामो ने आपस में बाँट लिया। इनमे यल्दौज को गजनी का राज्य क्षेत्र , कुंबांचा को सिंध और मुल्तान तथा कुतुबुद्दीन ऐबक को

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