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सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में साहित्य वैकल्पिक विषय के लिए उत्तर कैसे लिखें?

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साहित्य वैकल्पिक विषय के लिए उत्तर लेखन रणनीति।


भाषा का साहित्य वैकल्पिक विषयों में से एक है, जिसे उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सर्विसेस मेन्स परीक्षा में ले सकते हैं। हालांकि, कई लोग अपने वैकल्पिक विषय के रूप में साहित्य नहीं लेते हैं और सार्वजनिक प्रशासन और भूगोल जैसे

यूपीएससी: आईएएस सामान्य अध्ययन सिलेबस (परीक्षा पाठ्यक्रम)

भारतीय प्रशासनिक सेवा
(यूपीएससी आईएएस सिलेबस)

मध्यकालीन भारत: खिलजी वंश 1200-1320 ई० (जलालुद्दीन खिलजी, अलाउद्दीन खिलजी)

मध्यकालीन भारत का इतिहास

खिलजी वंश : 1200 - 1320 ई०

13वी सदी के मध्य में तुर्की सुल्तानों द्वारा प्रारम्भिक विस्तार करने की लहर के शांत हो जाने के बाद, सुल्तानों का मुख्य उद्देश्य सल्तनत को दृड़ता प्रदान करना था। अत: खिलजी वंश की स्थापना तक सल्तनत की प्रारम्भिक सीमाओं

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न एवं पाठ्यक्रम


यूपीएससी आईएएस एग्जाम  पैटर्न


यूपीएससी प्रति वर्ष सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन कराता है जिसे हम आईएएस एग्जाम के नाम से भी जानते हैं। यूपीएससी विभिन्न सेवाओ के लिए लगभग दर्जन भर परीक्षाओ का आयोजन करता है, जैसे अभियांत्रिकी, चिकित्सा, वन सेवा इत्यादि। इस आलेख में हम यूपीएससी आईएएस परीक्षा पैटर्न के बारे में जानेंगे। इस परीक्षा में तीन चरण होते है पहला है प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam) दूसरा है मुख्य परीक्षा (Main Exam) और तृतीय है साक्षात्कार अथवा व्यक्तित्व परिक्षण (Interview / Personality Test). प्रत्येक अभ्यर्थी

मध्यकालीन भारत: 1200-1320 ई० (अलाउद्दीन के आर्थिक सुधार, क़ुतुबुद्दीन मुबारक़ ख़िलजी व ख़िलजी वंश का पतन)

मध्यकालीन भारत का इतिहास

खिलजी वंश : 1200 - 1320 ई०

अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक सुधार


अलाउद्दीन खिलजी द्वारा आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किये गये जिनका सम्बन्ध भू-राजस्व प्रणाली एवं व्यापार-वाणिज्य (बाजार नियंत्रण या मूल्य निर्धारण पद्धति) से था। अलाउद्दीन द्वारा किया गया आर्थिक सुधार राजनीति से

मध्यकालीन भारत: दिल्ली सल्तनत (मामलुक वंश या गुलाम वंश)

मध्यकालीन भारत का इतिहास

दिल्ली सल्तनत

1206 ई में मुहम्मद गोरी की मृत्यु के पश्चात् उसके संतानहीन होने के कारण उसके साम्राज्य को उसके तीन गुलामो ने आपस में बाँट लिया। इनमे यल्दौज को गजनी का राज्य क्षेत्र , कुंबांचा को सिंध और मुल्तान तथा कुतुबुद्दीन ऐबक को

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