आईएएस मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम: तेलुगु

Union Public Service Commission

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम

तेलुगु (वैकल्पिक साहित्य विषय)

प्रश्न पत्र -1

नोट: उत्तर तेलुगु में लिखने होंगे।

खण्ड क : भाषा

1. द्रविड़ भाषाओं में तेलुगु का स्थान और इसकी प्राचीनता - तेलुगु, तेलुगु और आंध्र का व्युत्पत्ति-आधारित इतिहास।
2. आद्य- द्रविड़ से प्राचीन तेलुगु तक और प्राचीन तेलुगु से आधुनिक तेलुगु तक स्वर -विज्ञानीय, रुपविज्ञानीय, व्याकरणिक और वाक्यगत स्तरों में मुख्य भाषायी परिवर्तन।
3. क्लासिकी तेलुगु की तुलना में बोलचाल की व्यावहारिक तेलुगु का विकास-औपचारिक और कार्यात्मक दृष्टि से तेलुगु भाषा की व्याख्या।
4. तेलुगु भाषा पर अन्य भाषाओं का प्रभाव।

5. तेलुगु भाषा का आधुनिकीकरण :
(क) भाषायी तथा साहित्यिक आंदोलन और तेलुगु भाषा के आधुनिकीकरण में उनकी भुमिका।
(ख) तेलुगु भाषा के आधुनिकीकरण में प्रचार माध्यमों की भूमिका (अखबार, रेडियो, टॆलिविजन आदि)।
(ग) वैज्ञानिक और तकनिकी सहित विभिन्न विमर्शो के बीच तेलुगु भाषा में नए शब्द गढ़ते समय पारिभाषिकी और क्रियाविधि से संबंधित समस्याएं।

6. तेलुगु भाषा की बोलियां-प्रादेशिक और सामाजिक भिन्नताएं तथा मानकीकरण की समस्याएं।
7.वाक्य - विन्यास - तेलुगु वाक्यों के प्रमुख विभाजन सरल, मिश्रित और संयुक्त वाक्य - संज्ञा और क्रिया-विधेयन -नामिकीकरण और संबंधीकरण की प्रक्रियाएं।
8. अनुवाद - की समस्याएं - सांस्कृतिक, सामाजिक और मुहावरा-संबंधी अनुवाद कि विधियां-अनुवाद के क्षेत्र।में विभिन्न दृष्टिकोण -साहत्यिक तथा अन्य प्रकार के अनुवाद - अनुवाद के विभिन्न उपयोग।

खण्ड ख : सहित्य

1. नात्रय-पूर्व काल में साहित्य-मार्ग और देसी कविता।
2. नात्रय-काल-आंध्र महाभारत की ऐतिहासिक और साहत्यिक।पृष्ठभूम |
3. शेष कवि और उनका योगदान - द्विपद , सातक , रागद , उदाहरण।
4. तिक्कन और तेलुगु साहित्य में तिक्कन का स्थान।
5. एरेना और उनकी साहित्यिक रचनाएं - नवन सोमन और काव्य के प्रति उनका नया दृष्टिकोण।
6. श्रीनाथ और पोतन - उनकी रचनाएं तथा योगदान।
7. तेलुगु साहित्य में भक्ति कवि - तल्लपक अन्नामैया, रामदासु त्यागैया।
8. प्रबंधों का विकास - काव्य और प्रबंध।
9. तेलुगु साहित्य की दक्खिनी विचारधारा - रघुनाथ नायक, चेमाकुर वेंकटकवि और महिला कवि - साहित्य - रुप जैसे यक्षगान, गद्य और पदकविता।
10. आधुनिक तेलुगु साहित्य और।साहित्य - रुप - उपन्यास, कहानी, नाटक, नाटिका और काव्य रुप।
11. साहित्यिक आंदोलन : सुधार आंदोलन, राष्ट्रवाद, नवक्लासिकीवाद, स्वच्छन्दतावाद और प्रगतिवादी, क्रांतिकारी आंदोलन।
12. दिगम्बरकाबुलु, नारीवादी और दलित साहित्य।
13. लोकसाहित्य के प्रमुख विभाजन - लोक कलाओं का प्रस्तुतीकरण।

प्रश्न पत्र -2

नोट : इस प्रश्न पत्र में निर्धारित मूल पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन अपेक्षित होगा और एसे प्रश्न पुछे जाएंगे जिससे अभ्यर्थी की निम्नलिखित विषयों से सम्बन्धित आलोचनात्मक क्षमता की जांच हो सके:-

(i) सौंदर्यपरक दृष्टिकोण-रस, ध्वनि, वक्रोक्ति और औचित्य - रुप संबंधी और संरचनात्मक - बिम्ब योजना और प्रतीकवाद।
(ii) समाज शास्त्रीय , ऎतेहासिक, आदर्शवादी और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण।

खण्ड क

1. नान्नय - दुष्यंत चरित्र (आदि पर्व चौथा सर्ग छंद 5-109)
2. तिक्कन - श्री कृष्ण रायबरामु (उद्योग पर्व - तीसरा सर्ग छंद 1-144)
3. श्रीनाथ - गुना निधि कथा (कासी खंडम - चौथा सर्ग छंद 76-133)
4. पिन्गली सुरन - सुगत्रि सलिनुलकथा (कलापुर्णोदयामु - चौथा सर्ग छंद 60-142)
5. मोल्ला - रामायनामु (अवतारिक सहित वाल कांड)
6. कसुल पुरुषोत्त्म कवि - आध्रं नायक सतकामु।

खण्ड ख

7. गुर्जद अप्पा राव - अनिमुत्थालु (कहानियां)
8. विश्वनाथ सत्यनारायण - आध्रं प्रशस्ति
9. देवुलापल्लि कृष्ण शास्त्री - कृष्णपक्षम (उर्वशी और प्रवसम को छोड़कर)
10. श्री श्री - महाप्रस्थानम
11. जशुवा - गब्बिलम (भाग - 1)
12. श्री नारायण रेड्डी - कर्पूरवसन्ता रायालु
13. कनुपरति वरलक्षम्मा - शारदा लेखालु (भाग - 1)
14. आत्रेय - एन. जी. ओ.
15. रच कोंड विश्वनाथ शास्त्री - अल्पजीवी


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