सिविल सेवा परीक्षा (Civil Service Exam - An Introduction)

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सिविल सेवा परीक्षा

परिचय (Introduction)


प्रतिवर्ष यू०पी०एस०सी० सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन तीन चरणों में करता है - सर्वप्रथम प्रारम्भिक परीक्षा फिर मुख्य परीक्षा तथा अंतिम चरण में अभ्यार्थी का साक्षात्कार / व्यक्तित्व परीक्षण होता है। साक्षात्कार में चयनित अभ्यार्थी अपने अर्जित किये गये अंकों व वरीयता के अनुरूप आई०ए०एस०, आई०पी०एस०, आई०एफ०एस० तथा अन्य केन्द्रीय सेवाओं (ग्रुप ए व ग्रुप बी) के लिए चयनित किये जाते हैं। देश की इस सबसे मुश्किल परीक्षा और इसमें अचूक सफलता के लिए अनुशासन, कठिन परिश्रम, अध्य्यन प्रबंधन और धैर्य ही मूलभूत अधार हैं।

प्रथम चरण (प्रीलिम्स) प्रारंभिक परीक्षा


प्ररंभिक परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा का पहला व एक महत्वपूर्ण चरण है। इस परीक्षा में प्रत्येक वर्ष तकरीबन चार लाख से अधिक अभ्यार्थी भाग लेते हैं, किन्तु कुल १३ से १४ हजार अभ्यार्थी ही मुख्य परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त कर पाते हैं। 

यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ होती है, जिसमें दो पेपर हुआ करते हैं।

  • प्रथम प्रश्न पत्र : प्रश्न = 100, कुल अंक = 200, समय = 2 घंटे। (सामान्य अध्ययन - राजनीति विज्ञान, विज्ञान, इतिहास, भूगोल, सामयिक घटनायें इत्यादि।)
  • द्वितीय प्रश्न पत्र : प्रश्न = 80, कुल अंक = 200, समय = 2 घंटे। (तार्किक क्षमता एवं योग्यता इत्यादि।)
  • संपूर्ण सिलेबस देखने के लिये यहां क्लिक करें।

नोट: प्रत्येक  प्रश्न के लिए दो अंक निर्धारित हैं। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए कुल अंक में से 1/3 अंक काटे जाते हैं। प्रारंभिक परीक्षा में सफल अभ्यार्थियों के अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जुडते हैं।

दूसरा चरण (मेन) मुख्य परीक्षा


ुख्य परीक्षा: सिविल सेवा परीक्षा का यह दूसरा चरण अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है, और यहीं पर प्रतिभागियों के ज्ञान की वास्तविक परीक्षा होती है । इसमें परीक्षा में कुल 9 (नौ) प्रश्न पत्र होते हैं । वर्ष 2013 में यू०पी०एस०सी० ने मुख्य परीक्षा प्रकृति में कुछ परिवर्तन किये । पूर्व में होने वाले सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र जो कि 600 अंकों का होता था, वह अब 1000 अंकों का होता है। पहले वैकल्पिक विषयों में से किन्हीं दो का चुनाव करना होता था, जो कि कुल 1200 अंकों के होते थे, किन्तु वर्तमान में अभ्यार्थियों को सिर्फ एक ही वैकल्पिक विषय चुना जाना है जो कि कुल 500 अंकों का होता है।

विषयवार अंकतालिका



क्वालीफाइंग पेपर्स (इन प्रश्नपत्रों के अंक अंतिम परिणाम में नही जोड़े जाएंगे।)


पेपर (A)संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भारतीय भाषाओं में से कोई एक भाषा उम्मीदवारों द्वारा चुनी जानी चाहिये। कुल 300 अंक
पेपर (B) अंग्रेजी कॉम्प्रिहेंशन एवं सार लेखन (10वीं के लेवल का) कुल 300 अंक

रंकिंग पेपर्स (इन प्रश्नपत्रों के अंक अंतिम परिणाम में जोड़े जाएंगे।)


प्रथम प्रश्न पत्र निबन्ध का पेपर : कुल 250 अंक
दूसरा प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन पेपर - १ (भारतीय संस्कृति एवं विरासत,विश्व एवं समाज का इतिहास और भूगोल) : कुल 250 अंक
तीसरा प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन पेपर - २ (शासन,संविधान,राज्य-व्यवस्था,सामाजिक न्याय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध) : कुल 250 अंक
चौथा प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन पेपर - ३ (प्रौद्यौगिकी,आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन) : कुल 250 अंक
पांचवां प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन पेपर - ४ (नीति, अखंडता एवं अभिक्षमता) : कुल 250 अंक
छठा प्रश्न पत्र वैकल्पिक विषय (पेपर - १) : कुल 250 अंक
सातवां प्रश्न पत्र वैकल्पिक विषय (पेपर - २) : कुल 250 अंक
मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक प्रश्न पत्रों के लिए, यूपीएससी पाठ्यक्रम के अंतर्गत लगभग 26 विषयों की एक सूची है जिसमें से किसी एक विषय को उम्मीदवार द्वारा चुना जाना है।
लिखित मुख्य परीक्षा के लिये निर्धारित कुल अंक : 1750
साक्षात्कार / व्यक्तित्व परीक्षण के लिये कुल अंक: 275
कुल योग : 2025

नोट:- मुख्य परीक्षा में सफल हुये अभ्यर्थियों को ही यू०पी०एस०सी० सिविल सेवा परीक्षा के तीसरे और अंतिम चरण (साक्षात्कार परीक्षा) के लिये बुलाया जाता है।

अंतिम चरण: सिविल सेवा साक्षात्कार / व्यक्तित्व परीक्षण


साक्षात्कार में आपके ज्ञान से अधिक, उसकी प्रस्तुति, अवलोकन, आपका आत्मविश्वास एवं महत्वपूर्ण मामलो पर आपके विचार प्रक्रिया व प्रतिक्रिया इत्यादि की परख की जाती है। एक अदर्श साक्षात्कार के लिये लगभक तीस से पैंतीस मिनट तक का समय अच्छा माना जाता है । इसमें प्राय: अभ्यर्थियों के विस्तृत आवेदन प्रपत्र, चयनित एच्छिक विषय, अभिरूचियों व राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय घटनाओं से संबंधित प्रश्न पूंछे जाते हैं।

ज्ञात रहे कि 2013 से मुख्य परीक्षा की पद्धति एवं पाठ्यक्रम के अतिरिक्त साक्षात्कार परीक्षा के अंकों में भी बदलाव किया गया है । पूर्व में साक्षात्कार के लिये 300 अंक निर्धारित थे, किन्तु वर्तमान में यह घटकर 275 अंकों का हो गया है।

सिविल सेवा व इसकी ऐतिहासिक पृष्टभूमि के बारे में जानने के लिये यहां क्लिक करें।


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