यूपीएससी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के लिए आर्थिक सर्वेक्षण कैसे पढ़ें?

 

सिविल सेवा परीक्षा के लिये आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व


आर्थिक सर्वेक्षण का अध्ययन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार तीनो चरणों के लिए आवश्यक है। प्रारंभिक परीक्षा में आर्थिक सर्वेक्षण के विवरण के अधार पर सीधे सवाल पूछे जाते हैं। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए अर्थशास्त्र से संबंधित 15-20 प्रश्नों में से लगभग आधे प्रश्न आर्थिक सर्वेक्षण पर अधारित होते हैं। मुख्य परीक्षा के सभी जीएस पेपर, जैसे कि राजनीति, समाज और सामाजिक मुद्दे, आर्थिक विकास और मुख्य परीक्षा के निबंध पेपरों में उच्च अंक अर्जित करने के लिए इसके डेटा, तथ्यों, और आंकड़ों को शामिल करने से लाभ मिल सकता हैं।

उत्तरों में उन मुद्दों को भी शामिल किया जा सकता है जिनका विश्लेषण किया गया हों और जिसमें उससे संबंधित सुझाए गए सुधार इत्यादि दिए गये हों। यदि अर्थशास्त्र आपका वैकल्पिक विषय है, तो ऐसी जानकारी अर्थशास्त्र वैकल्पिक पेपर - 1 के लिए अत्यधिक लाभदायक रहेगी। व्यक्तित्व परीक्षण के दौरान इंटरव्यू बोर्ड आर्थिक सर्वेक्षण के डेटा और विश्लेषण के अधार पर आपसे प्रश्न पूछ सकते हैं।

परीक्षा के अधार पर आर्थिक सर्वेक्षण क महत्व


प्रारंभिक परीक्षा: सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा के अर्थशास्त्र अनुभाग में अधिकांश वस्तुनिष्ठ प्रश्न वर्तमान घटनाओं पर आधारित होते हैं, और आर्थिक सर्वेक्षण से संबंधित वैचारिक समझ के साथ-साथ कई तथ्यों, प्रवृत्तियों और संबंधित डेटा सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करते हैं।

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा: इस परीक्षा में आर्थिक सर्वेक्षण की सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्रों, निबंध और वैकल्पिक प्रश्नपत्रों के लिए उच्च उपयोगिता देखने को मिलती है। आप जीएस पेपर के विषयों के अनुसार आर्थिक सर्वेक्षण की निम्नलिखित जानकारियों का उपयोग कर सकते हैं:

  • जीएस पेपर 1: भारतीय समाज, महिला, गरीबी और विकास, शहरीकरण और वैश्वीकरण से संबंधित सामाजिक मुद्दे।
  • जीएस पेपर 2: सरकारी नीतियां और कार्यक्रम; कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं; गरीबी, भुखमरी और सामाजिक क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और मानव संसाधन से संबंधित मुद्दे।
  • जीएस पेपर 3: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, विकास, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे; समावेशी विकास, बुनियादी ढांचा, निवेश मॉडल, सरकारी बजट; भारतीय कृषि: संभावनाएं और मुद्दे, और पर्यावरण संरक्षण।
  • जीएस पेपर 4: सार्वजनिक निधियों का उपयोग; सेवा वितरण की गुणवत्ता इत्यदि।

नोट: आर्थिक सर्वेक्षण का अध्ययन करते समय यह ध्यान रखें कि इसमें शामिल अवधारणाएं, रुझान और केस स्टडीज भी परीक्षा के दृष्टिकोण से काफी उपयोगी हैं और इन्हें निबंध के पेपर के साथ-साथ वैकल्पिक पेपर में भी बड़े पैमाने पर लागू किया जा सकता है।

 आर्थिक सर्वेक्षण के महत्व को ध्यान में रखते हुए यदि आप देखें तो यह पता चलता है कि पिछले वर्षों की परीक्षाओं में सामान्य अध्ययन और वैकल्पिक विषय के पेपरों में कई प्रश्न स्पष्ट रूप से उस वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण को संबोधित करते हैं, साथ ही साथ उसमें प्रस्तुत सिद्धांतों और विचारों के उचित अनुप्रयोग को भी संबोधित करते हैं।

महत्वपूर्ण लिंक्स


Economic Survey 2022-23: Economic Survey of India

Economic Survey 2022-2023 Highlights: Press Information Bureau

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